इस ब्लॉग पर और अन्यत्र कुछ कविताएं जमा हो गई थीं, सोचा एक जगह संकलित कर दूँ. सुझाव आया कि एक किताब की शक्ल देना ठीक रहेगा. तो, ई-बुक का रूप ले लिया कुछ कविताओं ने जो आपस में जुड़ सकती थीं.
ऐमज़ान पर पिछले दो वर्षों में प्रकाशित मेरी पुस्तकों की कड़ी में यह चौथी पुस्तक है. सबके लिंक साइड-बार में दे दिए हैं.